लेखनी कविता - पाँच मुक्तक - बालस्वरूप राही

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पाँच मुक्तक / बालस्वरूप राही 1. मेरा विश्वास पराजय को ज़हर होता है मेरा उल्लास उदासी को क़हर होता है मुझे घिरते हुए अँधियारे की परवाह क्या मेरी हर रात का ...

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